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Saturday, 29 March 2008

नहीं भा रहा दांपत्य जीवन, नवविवाहितों को!

ब्रिटेन में पिछले बीस साल पहले तलाक दर 37 प्रतिशत से बढ़कर 45 फीसदी पहुंच गई है, जिससे यहां तलाक लेने वालों की संख्या पचास प्रतिशत हो गई है मतलब ब्रिटेन में नई शादी करने वाले हर दो दंपतियों में से एक दंपति तलाक ले लेता है।

ब्रिटिश राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार शादी के एक दशक बाद तलाक का जोखिम कम हो जाता है और 31 फीसदी तलाक की घटनाएं शादी के दस साल बाद ही होती हैं, जबकि पंद्रह प्रतिशत घटनाएं शादी के बीस साल बाद होती हैं। कार्यालय ने यह आंकडे़ एक वेबसाईट पर आयी रिपोर्ट , जिसमें तलाक की दरों में रिकार्ड कमी बताई गई थी, के एक दिन बाद जारी किए हैं। आंकड़ों के मुताबिक 45 फीसदी शादियां अपनी शादी की 50वीं सालगिरह मनाने से पहले ही टूट जाती है तथा इनमें से आधी दस साल से पहले टूट जाती है।

पहले तलाक ले चुके और किशोरावस्था के लोगों में तलाक लेने की प्रवृत्ति ज्यादा है। सामाजिक नीति केंद्र के डान बाउचर ने कहा कि अगर सरकार शादी का पंजीकरण कर प्रणाली के तहत कर दिया जाए तो शादी के संबंध को टूटने से रोकने में मदद मिलेगी।

Friday, 28 March 2008

घर-परिवार की परिभाषा बदली, अविवाहित महिलाओं ने

आर्थिक रूप से स्वतंत्र महिलाएं आमतौर पर देर से विवाह करने की इच्छा रखती है लेकिन आस्ट्रेलियाई समाज में हो रहे बदलाव दिखाते है कि अविवाहित महिलाओं ने घर और रिश्तों की परिभाषा को ही बदल दिया है। 'पैसिफिक माइक्रोमार्केटिंग' नामक अनुसंधान संस्था के अनुसार ज्यादा से ज्यादा महिलाएं जीवन भर अविवाहित रहने का फैसला कर रही है। ऐसे में बाजार और सरकार दोनों को यह स्वीकार करना होगा कि घर का मतलब अब पति-पत्‍‌नी और बच्चे नहीं रह गया है।

समाचार एजेंसी डीपीए ने जनसंख्या विशेषज्ञों द्वारा उपलब्ध करवाए गए आंकड़ों के हवाले से बताया कि आस्ट्रेलिया की 51 फीसदी महिलाएं अविवाहित है और एक-चौथाई से ज्यादा महिलाएं कभी गर्भधारण न करने का फैसला कर चुकी हैं। शोधकर्ता बॉब बिरैल के अनुसार, 'नए दौर की महिलाएं चाहती है कि वह ऐसे पुरुष के साथ रहे जो रिश्ता निभाने के लिए समझौते करने को भी तैयार हो।' यह मनोवृत्ति महिलाओं को एकल जीवन व्यतीत करने के लिए प्रेरित करती है और पुरुषों के लिए परेशानी का सबब बनती है।

Monday, 24 March 2008

पति ने पैर नहीं धोए, पत्नी ने जला डाला

चीन में एक नव विवाहिता ने नशे की हालत में अपने पति को सिर्फ इसलिए आग के हवाले कर मार डाला क्योंकि वह बिना पैर धोये बिस्तर पर चला गया। समाचार एजेंसी शिंहुआ के अनुसार हुबेई प्रांत के नवदंपत्ति वांग और लू ने गत दो फरवरी को ही शादी की थी और शादी के बाद से इनमें जबरदस्त नोंकझोंक शुरू हो गई थी। इतना ही नहीं हनीमून के दौरान भी इनके लड़ने की शिकायतें प्रशासन को मिली।

गत चार मार्च को पति पत्नी के बीच हुए झगड़े से उत्पन्न तनाव को दूर करने के लिए दोनों ने जमकर शराब पी ली। रात को 10 बजे नशे में धुत पत्नी ने देखा कि पति बिना पैर धोये बिस्तर पर सो रहा है। फिर क्या था, यह देखकर पत्नी गुस्से में इतनी आगबबूला हो गई कि उसने सोते पति के बिस्तर में आग लगा दी।

आग के कारण नींद खुलने पर पति वांग उठा और फिर पत्नी से लड़ने लगा लेकिन नशे की वजह से जलते बिस्तर में ही गिर गया और हमेशा के लिए सो गया। पत्नी उसे जलता छोड़ दूसरे कमरे में चली गयी और फिलहाल पुलिस की हिरासत में है।

Sunday, 23 March 2008

दुखी शादीशुदा जीवन से बेहतर है कुंवारापन!

रोज की खिटपिट और तनाव से भरी शादीशुदा जिंदगी से तो बेहतर है कि आप कुंवारे ही रहें। इससे आपकी सेहत बिगड़ने से बची रहेगी। यह खुलासा अमेरिका में किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन में हुआ है।

अध्ययन के मुताबिक, शादीशुदा जिंदगी आपके ब्लड प्रेशर के लिए अच्छी तभी हो सकती है, जब आप इससे खुश हों। ‘डेली मेल’ में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने इस नतीजे पर पहुंचने के लिए 204 शादीशुदा और 99 वयस्क कुंवारों का अनिश्चित अंतराल में दिन-रात का ब्लड प्रेशर नापा। इससे पता चला कि असंतुष्ट वैवाहिक जीवन जी रहे जोड़ों का ब्लड प्रेशर अनियमित होता है। ऐसे दंपतियों का ब्लड प्रेशर रात के समय अधिक हो जाता है, जो बाद में दिल की बीमारी का कारण भी बन जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, दूसरी ओर अकेले जिंदगी गुजारने वालों का ब्लड प्रेशर सुखी दंपतियों की तुलना में अधिक होता है।

उटाह की ब्रिंघम यंग यूनिवर्सिटी के अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि संतुष्ट वैवाहिक जीवन जी रहे दंपति अक्सर एक-दूसरे को डॉक्टर को दिखाते रहने या फिर स्वस्थ आहार लेने को प्रेरित करते हैं। वे तनाव के पलों में एक-दूसरे को भावनात्मक सहयोग भी देते हैं, जबकि ये चीजें तनावपूर्ण दांपत्य जीवन में या कुंवारों को उपलब्ध नहीं हो पातीं।

Thursday, 20 March 2008

यादें, याद आती हैं

किसी के जिंदगी से निकल जाने के बाद हम उससे जुड़ी हर चीज से मुंह मोड़ने लगते हैं। लेकिन क्या आप इसके लिए अपने घर, कार, जॉब और यहां तक कि अपने दोस्तों से भी पीछा छुड़ाना चाहेंगे? पड़ गए सोच में, लेकिन ब्रिटेन से ऑस्ट्रेलिया में जा कर बसे इयान अशर कुछ ऐसा ही करने वाले हैं।

एक साल से ज्यादा समय हो गया जब इयान और उनकी बीवी पांच साल साथ रहने के बाद अलग हुए। लेकिन वे मानते है कि आज भी उनकी जिंदगी की हर चीज, यहां तक कि फर्नीचर भी उन्हें उस रिश्ते की याद दिलाते हैं। इसलिए उन्होंने अपना सबकुछ ऑनलाइन सेल के लिए रख दिया है। इयान के शब्दों में, 'जिस दिन यह सब बिक जाएगा, मैं घर से सिर्फ एक पर्स और पासपोर्ट लेकर निकल जाऊंगा।'

सेल में उनका पर्थ में स्थित तीन बेडरूम वाला घर और उसके भीतर रखी सारी चीजें यहां तक कि कार, मोटरसाइकल, जेट स्की और पैराशूटिंग गियर भी होगा। सेल के मुताबिक वे अपने दोस्तों से एक बार परिचय कराकर, अपने जॉब पर ट्रायल का मौका देकर एक नई जिंदगी की शुरुआत करने दुनिया की सैर पर निकल जाएंगे, जिसमें इंग्लैंड में रह रही अपनी मां से मिलना भी शामिल है।

समाचार को यहाँ देखा जा सकता है। अगर आप भी बोली लगाना चाहते हैं तो उनकी वेबसाईट पर जाएँ.

Monday, 17 March 2008

इंटरनेट से तलाक मान्य नहीं

ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड ने महिला और पुरुषों को समान अधिकार दिए जाने को लेकर कुरान के हिसाब से नया निकाहनामा जारी किया है। इसके अनुसार 'तीन बार तलाक' कहने मात्र से ही तलाक नहीं होगा।

मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड ने ईमेल, एसएमएस, फोन और इंटरनेट से होने वाले तलाक को भी मानने से इनकार किया है तथा कहा है कि अब तलाक के लिए पति और पत्नी को तीन माह का समय दिया जाएगा कि वे इस बीच अपने विवाद खत्म कर लें। यदि इस अवधि में भी विवाद खत्म नहीं होता तो ही तलाक होना माना जाएगा। इन तीन महीने के दौरान पति- पत्नी साथ रहेंगे।

ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड का मानना है कि इस नए निकाहनामे में महिला और पुरुष को बराबर के अधिकार दिए गए हैं। निकाह के साथ ही एक फार्म भी भरा जाएगा जो मैरेज ब्यूरो में जमा होगा तथा इस पर पति-पत्नी और काजी के हस्ताक्षर होंगे। किसी तरह का विवाद होने पर यह एक कानूनी दस्तावेज होगा।

ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाईस्ता अम्बर ने कहा कि यह ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा जारी किए गए मॉडल निकाहनामे से पूरी तरह अलग है। उन्होंने कहा कि कुरान में भी महिलाओं को समान अधिकार दिए जाने की बात कही गई है।

उन्होंने कहा कि मॉडल निकाहनामा उर्दू में है, जबकि इस नए निकाहनामे को उर्दू के साथ हिन्दी में भी जारी किया गया है, ताकि यह सामान्य लोगों की समझ में आ सके या वैसी मुस्लिम महिलाओं को भी जानकारी हो सके, जिन्होंने उर्दू की शिक्षा नहीं ली है।

नए निकाहनामे में शरीयत के हिसाब से शौहर और पत्नी के लिए निकाह के वास्ते ।7 हिदायतें दी गई हैं तथा 8 हिदायतें तलाक के लिए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण हिदायत जबरन शादी को लेकर है। शरीयत कानून के हिसाब से जबरन शादी को मान्यता नहीं दी गई है। निकाह दोनों पक्षों के अलावा पति और पत्नी की आपसी सहमति से बेहतर भविष्य के लिए है।

Wednesday, 12 March 2008

पत्नी की डांट ने बनाया नपुंसक

भई एक ख़बर आयी है, विश्लेषण आप ही करें, बेहतर होगा। इटली के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर एक लाख 40 हजार पॉन्ड का दावा ठोंका है। उसका कहना है कि उसकी पत्नी उसे हमेशा डांटती रहती है। इस डांट-फटकार के चलते उसे तनाव हो गया और इस गहरे तनाव ने उसे नपुंसक बना दिया।

इस व्यक्ति ने कोर्ट में कुछ ऐसे दस्तावेज पेश किए हैं, जो यह साबित करते हैं कि पत्नी की हर वक्त की फटकार और शिकायतों के चलते ही वह नपुंसक हो।
(बस इतनी ही ख़बर मिल पायी है, आगे क्या हुया, ढूंढ रहा हूँ।)

Saturday, 8 March 2008

पति-पत्नी के बीच दरार किसने डाली!?

बिस्तर कभी पति-पत्नी के बीच की राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का काम करता है, तो कभी जिंदगी अपने दोनों पहियों के सहारे सरपट दौड़ती है। लेकिन अब पति-पत्नी के बीच किसी तीसरे ने घुसपैठ कर ली है। नतीजा- कभी सोने के घंटे अलग, तो कभी बिस्तर अलग। पता चला है कि हमारे पसंदीदा गैजेट्स मसलन टीवी, ऑडियो सिस्टम और कंप्यूटर ही बिस्तर बांटने के लिए जिम्मेदार हैं। दिलचस्प बात ये है कि रिश्तों में दरार डालने वाले इस घुसपैठिए को हम बड़े शौक से अपनी गाढ़ी कमाई खर्च कर घर लाते हैं।

बिस्तर पर पहुंचते ही जिंदगी का एक चक्कर पूरा हो जाता है। दिन भर की थकान और नींद के बीच डूबते उतराते हैं कल के सपने और योजनाएं और अगर शादीशुदा लोगों की बात करें तो ये सिर्फ बेड शेयर करने का मामला ही नहीं है। ब्रिटेन में रिसर्चरों ने पता लगाया है कि हाई टेक गैजेट्स की वजह से लाखों कपल अपना बेड अलग करने के लिए मजबूर हैं। 'स्लीप काउंसिल' से जुड़ी जेसिका ऐलेक्जेंडर के मुताबिक स्टडी से साबित हुआ है कि बेडरूम अब सोने की जगह नहीं रह गया। जिंदगी का हिस्सा बनते जा रहे टीवी, फोन और कंप्यूटर की घुसपैठ के कारण बेडरूम कम्यूनिकेशन हब में तब्दील हो गए हैं।

आंख खोलने वाली इस स्टडी के लिए ब्रिटेन में 1,400 लोगों के बीच स्टडी की गई। स्टडी के नतीजे बताते हैं कि 10 फीसदी लोग हर रात अलग बिस्तर पर सोते हैं, 25 फीसदी अकसर अलग बिस्तर पर सोते हैं और 40 फीसदी लोगों का उनके पार्टनर के साथ सोने का टाइम मैच नहीं करता।

बीबीसी की ख़बर में बताया गया है कि तकरीबन हर बेडरूम में गैजेट के नाम पर तकिए के नीचे या साइड टेबल पर मोबाइल फोन निश्चित होता है। लगभग 22 फीसदी लोग अलार्म क्लॉक की जगह मोबाइल फोन के जरिए अपनी गुड मॉर्निंग करते हैं। एक तिहाई लोग बिस्तर पर लेटने के बाद फोन पर बात करने मेसेज भेजने या चैट करने में मशगूल रहते हैं। 20 फीसदी लोग तो बेड पर पहुंचने के बाद सोशल नेटवर्किंग साइट खंगालने, कंप्यूटर गेम खेलने या कान में हेडफोन लगाकर गाना सुनने में मशगूल रहते हैं। सोने से पहले भगवान की प्रार्थना करने वाले जहां 10 फीसदी हैं, वहीं रिलैक्स करने से ठीक पहले गैजेट्स को चार्जिंग पर लगाने वाले 22 फीसदी। सोने से ठीक पहले कुछ न पीने की सलाह शायद ही किसी के पल्ले पड़ती हो। हर तीसरा आदमी सोने से पहले पानी पीता है। ऐसे भी लोग हैं जो सोने से पहले नींद भगाने वाली कॉफी का सेवन कर लेते हैं। बेड पर पसरकर शराब या शर्बत पीने वालों की भी कमी नहीं है।

जमाने के जेट की रफ्तार से बदलने के बावजूद कुछ चीजें अब भी नहीं बदली हैं। ज्यादातर महिलाओं के लिए पाजामा अब भी सोते समय पहना जाने वाला पसंदीदा और आरामदायक परिधान है। कपड़ों की ही बात करें तो कुछ अजीबोगरीब तथ्यों से भी सामना होता है। महिलाओं के मुकाबले लगभग दोगुने अनुपात में पुरुष सोते समय कोई भी कपड़ा पहनना पसंद नहीं करते। एक फीसदी पुरुषों का तो ये भी दावा है कि वे नाइटी पहनकर सोते हैं।

रिसर्चरों का दावा है कि उनकी स्टडी आज की टेक लाइफ के बेडरूम इफेक्ट का असली असर लोगों के सामने पेश कर रही है। बहरहाल, अब वक्त आ गया है, जब बेडरूम को सिर्फ सोने का कमरा बना रहने दिया जाए और जिंदगी की भागदौड़ को बाहर कर दरवाजा बंद कर लिया जाए ताकि नाइट गुड हो सके।

Tuesday, 4 March 2008

पत्नी को 1,24000 गुलाब देगा कंजूस पति!

ईरानी कोर्ट ने एक व्यक्ति को आदेश दिया है कि वह अपनी पत्नी को 1,24,000 गुलाब खरीद कर दे। कंजूस पति से परेशान पत्नी ने अपने पति से यह मांग दहेज वापसी के तौर पर की है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हेंगामेह ने शादी के 10 सालों के बाद अपने कंजूस पति को सबक सिखाने के लिए यह अनोखी तरकीब खोजी। उसने कहा- शादी के कुछ समय के बाद ही मुझे पता चल गया था कि शाहीन बहुत घटिया इंसान है। अगर हम कभी किसी कैफे या रेस्तरां में जाते थे तो वह मेरी कॉफी तक के पैसे नहीं चुकाता था।

वहीं शाहीन का कहना था कि वह हर रोज केवल पांच गुलाब खरीदने का बोझ उठा सकता है। उसने जज से शिकायत की उसकी पत्नी के दिमाग में यह ख्याल उसकी अमीर दोस्त ने डाला है। इस बीच कोर्ट ने 1,24,000 गुलाब देने तक शाहीन का 25,84,960 रुपयों की कीमत वाला फ्लैट जब्त कर लिया है। गौरतलब है कि ईरान में एक लाल गुलाब की कीमत लगभग 81 रुपये है। ईरानी कानून के तहत कोई भी महिला अपना दहेज या महर वापस मांग सकती है। महर को निकाह के वक्त उसका शौहर इस शर्त पर स्वीकार करता है कि तलाक होने पर या शादीशुदा जिंदगी में कभी भी पत्नी के मांगे जाने पर वह उसे वापस कर देगा। ईरान में सोने के सिक्के या प्रॉपर्टी को महर के रूप में देने का चलन है। उल्लेखनीय है कि ईरान में पुरुषों को महर न लौटा पाने स्थिति में जेल तक हो सकती है।