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Friday, 11 April 2008

पाकिस्तान में तलाक लेने में महिलाएं आगे

पाकिस्तान में इन दिनों परिवार अदालतों के बाहर तलाक लेने वालों की कतार लंबी ही होती जा रही है। तलाक के कारण भी ऐसे-ऐसे बताए जा रहे हैं, जो हैरान करने वाले हैं। रावलपिंडी की 33 परिवार अदालतों में इस साल करीब डेढ़ हजार लोग तलाक की अर्जी दे चुके हैं। इनमें से 270 को तलाक मिल भी चुका है। 778 अर्जियों पर फैसला आना बाकी है।

तलाक के कारणों पर गौर करें तो दहेज की मांग और ससुराल पक्ष द्वारा बदसलूकी सबसे आम कारण हैं। पर कुछ अजीबोगरीब कारण भी बताए गए हैं, जैसे- सेलफोन का बहुत ज्यादा इस्तेमाल या कंप्यूटर पर काम करने की मनाही आदि। खास बात यह है कि तलाक मांगने वालों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है।

दैनिक जागरण के एक समाचार में बताया गया है कि शादी के तीन महीने बाद ही तलाक की अर्जी दायर कर चुकी एक लड़की लगातार की जा रही दहेज की मांग को रिश्ते टूटने का एक प्रमुख कारण बताती है। 300 महिलाओं ने जहां अपने पति द्वारा दूसरी शादी की इच्छा को तलाक का कारण बताया है, वहीं 150 महिलाओं ने अपनी सास के दुर्व्यवहार को। कुछ महिलाओं ने अपनी आर्थिक परेशानियों के मद्देनजर तलाक मांगा है। सौ से ज्यादा महिलाओं द्वारा दायर तलाक के आवेदनों में कहा गया है कि उनके शौहर के पास नौकरी नहीं है, इसलिए वह उनके साथ नहीं रह सकतीं। कुछ ने तो यह कहा है कि उनका पति उनके साथ वक्त नहीं बिताता और रात भर किसी अजनबी से मोबाइल पर बात करता रहता है। और तो और 23 जोड़ों ने तो सिर्फ इसलिए तलाक मांगा है, क्योंकि उनकी जोड़ी बेमेल है।

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