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वर्ष 2005 के आंकड़ों के मुताबिक इंग्लैंड और वेल्स के शादीशुदा वयस्कों की संख्या घटकर 50.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है। शादीशुदा जोड़ों की संख्या में वर्ष 1997 से लगातार गिरावट आ रही है और वर्ष 2006 तक शादीशुदा जोड़ों का अनुपात गिरकर आधे से भी कम रह गया है। हालांकि वर्ष 1995 में कुल जनसंख्या में शादीशुदा जोड़ों का आंकड़ा 56 प्रतिशत था। उसके बाद इसमें प्रतिवर्ष 1,00,000 से 1,50,000 की गिरावट आई। ओएनएस की रिपोर्ट के अनुसार इसका एक कारण अधिक उम्र में शादी होना भी है। हाल के अनुमान के मुताबिक शादीशुदा लोगों का अनुपात गिरेगा, लेकिन एक निश्चित अनुपात में लोग शादी भी करेंगे।
सिविटास थिंक टैंक के रॉबर्ट व्हेलान कहते हैं कि कम शादी होने के चलन में कोई कमी आती नहीं दिख रही है। भविष्य में बहुत ही कम लोग शादीशुदा जोड़े के रूप में साथ रहेंगे। इस चलन के बुरे प्रभाव खराब स्वास्थ्य, कम आमदनी, नशीली दवाओं, शराब का सेवन, अपराध तथा असामाजिक व्यवहार के रूप में नजर आते हैं। व्हेलान कहते हैं कि यह दुर्भाज्ञपूर्ण है कि सरकार में किसी को इस प्रवत्ति की कोई परवाह नहीं है।
2 comments:
समाज न बदला तो ऐसे ही इतिहास का अंत हो जाएगा।
इस बिमारी का कोई कारण तो जरुर होगा ???
अब धीरे धीरे यह बिमारी भारत मे भी पेर पसार रही हे या पसार चुकी हे,दिनेश जी की बात तो ठीक हे
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