एक नए शोध में खुलासा हुआ है कि अपने मासिक चक्र के दौरान महिलाओं का स्वर तब तेज हो जाता है जब वह अधिक प्रजननशील होती हैं और यही उन्हें ज्यादा आकर्षक बनाता है। शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि प्रजननशीलता के साथ महिलाओं की आवाज कम या ज्यादा हो जाती है।
असल में, महिलाओं की आवाज अंडोत्सर्ग के एक या दो दिन पहले तेज हो जाती है। इन्हीं दिनों में उनके गर्भधारण की संभावनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार यह पहला खुलासा है जब आवाज और प्रजननशीलता के बीच संबंधों का पता चला है। इससे इस विचार को समर्थन मिलता है कि मनुष्यों में भी प्रजननशीलता के बाहरी संकेत पशु-पक्षियों की ही तरह दिखाई देते हैं।
शीर्ष शोधकर्ता डा. ग्रेग ब्रायंट ने कहा, हमारा अध्ययन दर्शाता है कि प्रजननशीलता के अनुसार महिलाओं के स्वर में परिवर्तन आता है। वे अंडोत्सर्ग के जितने नजदीक होती हैं, उनका स्वर उतना बढ़ जाता है। हम यह कह रहे हैं कि स्वर तेज होने से उनकी प्रजननशीलता बढ़ जाती है और उनमें आकर्षण बढ़ जाता है। डा. ब्रायंट और कैलिफोर्निया विश्वविघालय के उनके सहयोगी 69 महिलाओं की आवाज के विश्लेषण के बाद इस नतीजे पर पहुंचे।
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Friday, 10 October 2008
नारी की आवाज़ तेज? अरे! यही उन्हें ज्यादा आकर्षक बनाती है।
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कैलिफोर्निया विश्वविघालय,
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2 comments:
यह प्रस्तुति थोडा भ्रामक है -यह इंगित हो रहा है कि ओव्यूलेशन और माहवारी का समय लगभग साथ है जिस समय वे ज्यादा वाचाल हो पुरूष को आकर्षित कर प्रजनानोंमुखी होती हैं -पर महाशय ओव्यूलेशन और माहवारी में १३- १४ दिन का अन्तर होता है -यह भ्रम दूर करें कि महिलायें ओव्यूलेशन के दौरान स्वरों की तेजी पकड़ती हैं या फिर माहवारी में -यदि माहवारी में तो उस समय तो गर्भ धारण की लेशमात्र ही शायद गर्भधारण की संभावना हो !
फैल रहा चारों तरफ़ भ्रम विज्ञान के नाम.
अपने मन के चोंचले,दें विज्ञान के नाम.
दें विज्ञान के नाम,नारी की अन्तर-रचना.
आकर्षित करती है पुरुष को सारी गणना .
कह साधक कवि,युग-युग से यह खेल चल रहा.
भ्रम विज्ञान के नाम चारों तरफ़ फ़ैल रहा .
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