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Wednesday, 5 December 2007

पापा परिवार का हिस्सा नहीं !

कहते हैं बच्चों के लिए माता-पिता ही भगवान का एक रुप होते हैं। बच्चों को जहां मां का दुलार चाहिए वहीं पिता के प्यार और सहारे की भी जरुरत होती है।

लेकिन इससे उलट लंदन में किए गए एक सर्वेक्षण में चौंकाने वाली बात सामने आई है कि चार में से एक बच्चा अपने पिता को परिवार का हिस्सा नहीं मानता।

सर्वेक्षण के अनुसार ब्रिटेन में बच्चे अपनी मां को तो जानते हैं लेकिन पिता इस सुख से कोसों दूर हैं। तकरीबन 96 प्रतिशत बच्चे अपनी मां को मौजूदा परिवार का प्रमुख हिस्सा मानते हैं, जबकि 26 प्रतिशत बच्चे पिता को परिवार का अंग भी नहीं मानते।

'वार्ता' की खबर में दिए गए सर्वेक्षण की मानें तो एक-चौथाई बच्चों को अपने पिता की पारिवारिक भूमिका के बारे में कुछ पता ही नहीं हैं। यह सर्वेक्षण छह से 12 साल तक की उम्र वाले बच्चों पर किया गया था।

2 comments:

anuradha srivastav said...

खुश हो जाइये........ अभी हमारे यहां इतने बूरे दिन नहीं आये हैं।

विजय वडनेरे said...

बात काफ़ी हद तक सही है.

मुझे यूके में आये अभी कुछ खास समय तो नहीं हुआ परंतु यह चलन मैने देख लिया है.

यहाँ का समाज ही कुछ इस तरह का है कि बिना शादी के रिश्ते बनना तो आम बात है ही, उन रिश्तों की निशानियाँ भी दिल खोल कर "वेलकम" हैं.

अधिकतर बार तो बच्चे उनकी माँओं के पास ही रहते हैं और उनके "पिता" कभी कभी "विजिट" करते हैं.

तो ऐसे में बच्चों को पिता की जरुरत ही कहाँ रह जाती है.