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Sunday 20 December, 2009

एक महिला, सताये गए पतियों के लिए लड़ रही: कहती है कि पति भी आखिर इंसान हैं

पतियों से पीडित पत्नियों के हक के लिये कई संगठन संघर्ष कर रहे हैं लेकिन पत्नियों के हाथों सताये गये पतियों के हक में लडाई लडने के लिये आल इंडिया फॉरगौटेन वुमेन. बनाया गया है । इस संगठन की अध्यक्षा उमा चल्ला का कहना है कि हर दिन पतियों एवं उनके परिवार वालों के खिलाफ अनेक फर्जी मामले देश भर में दर्ज किये जा रहे हैं और फर्जी शिकायतों के आधार पर निर्दोष पुरूषों एवं उनके सगे.संबधियों को जेलों में डाला जा रहा है। यह संगठन न केवल पतियों के बल्कि पत्नियों एवं सास के हकों के लिये भी संघर्ष कर रहा है।

श्रीमती उमा ने कहा कि उनके संगठन का लक्ष्य लैंगिक विषमताओं एवं भेदभाव से उपर उठकर हर किसी के हितों की रक्षा के लिये संघर्ष करना है। उन्होंने बताया कि संगठन ने अपने अध्ययन के दौरान पाया कि घरों में छोटे.मोटे झगडों एवं मनमुनाव के बाद कई महिलायें अपने पतियों एवं सास.श्वसुर को ब्लैकमेल करती है।

6 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बढ़िया व रोचक जानकारी है।धन्यवाद।

Arvind Mishra said...

नारी आधुनिकता का बिंदास चेहरा ..अभी उत्तर आधुनिकता बकिये है !

श्याम जुनेजा said...

achha lagta yadi shadi aur parivar jaise vyavstha ko hi alvida kahne ke liye kuch kiya jata aur parivar ke vikalap ko lekar koi gambheer chintan ho pata

Khushdeep Sehgal said...
This comment has been removed by the author.
Dr. Zakir Ali Rajnish said...

भांति भांति के लोग।

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इसे आप पहचान पाएंगे? कोशिश तो करिए।
सन 2070 में मानवता के नाम लिखा एक पत्र।

JesusJoseph said...

very good post,

Thanks
Joseph
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